Wednesday 10 October 2012

इन्ही दीवारों पे हवाओं से मैंने....



Photography by Shivam Chitkara......Poetry by Amit Saini




इन्ही दीवारों पे हवाओं से मैंने,
थोड़े धुप के छीटों से,
थोड़ी छाँव की स्याही से,
रात की परछाई में,
शाम और सूरज की वो,

सुर्ख मुलाकात लिखी है,

जब शाम,
अपनी नीमबाज़ आँखों से देखते हुए,

सूरज को अपनी गोद में सुलाती है,

फिर एक चादर ओढ़ के,
चाँद के तकिये पे सर रख के,
साथ सो जाती है,

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