Friday 5 October 2012

खोपड़ी.........

सब जल जाता है,
हड्डियाँ बच जाती है,
सबसे आकर्षित,खोपड़ी,
उठा लेते है,
बेजुबान, बोलने वाले,

पीढ़ी, पीढ़ी,
सीढ़ी, सीढ़ी,
दिन, दिन,
फूल चढाते है |

उजड़ी उजड़ी,
खोपड़ी,
आलिशान मूर्ती,
में तब्दील हो जाती है,

सिक्के चढ़ते है,
नोट चढ़ते है,
आशीर्वाद पर बोलियाँ लगती है,
आकर्षण केंद्र, धंधा करते है,
लुटने वाले लुटते है,
खोपड़ी, खूब लूटती है,

दिवाला निकले,
खोपड़ी, भूत भूत करते है,
भूत खोपड़ी गढ़ते है,
मूर्ती की शरण में जाते है,
दिया जलाते है,
उजाले में सफ़ेद खोपड़ी,
छिप्प जाती है,

तस्सली पाकर,
प्रसाद, बाँटकर,
घर में रख लेते है,
कहानियां लिखते है,
किस्से सुनाते है,
गाते रहते है,

पीढ़ी,पीढ़ी,
दिन, दिन,
फूल चढाते है,
फूल चढाते है,
फूल चढाते है,

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