Thursday 27 September 2012

मेंढ़क जैसी आँखों वाली बतख...


मेंढ़क जैसी आँखों वाली बतख,
रेगिस्तान की धरती पर सांप सी दौड़े सरपट,
पेड़ पर चढ़ जाए चीते सी,
खूबसूरती बढ़ाये मोर सी,
हीरण बनकर,
शेर का शिकार हो जाए,
दहाड़े, चिंघाड़े,
सियार, छुप जाए,
इंतज़ार करे मौके का,
गाय बनकर,
घर में रह जाए,
दुल्हे की घोड़ी हो दुल्हन के पास ले जाए,
कुत्ते की तरह ज़िन्दगी भर साथ निभाये,
आँगन में खरगोश सी,
बिल्ली की तरह बच्चो से खेले,
हाथी की सैर कराये,
ऊँट का झूला झुलाये,
गिद्ध हो आसमान में उड़ जाए,
मछलियों को चट कर जाए,
बतख कही की पानी में पैर हिलाए......

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