Saturday 7 July 2012

how far have you come from....


,

how far have you come from,
how far you intend to go,
are you taking a rest,
or that's it, this is your nest,

तुम  दूर  दूर  की  दुनिया  में ,
सैर  करके  आये  हो ,
कुछ  देखा  भी  हैया  युहीं  चले  आये  हो ,

कहते  है  वहां  चाँद  रात  को  आता  है ,
लोगों  को  कहानिया  सुनाता  है ,
सूरज  थक  हार  के , जल  जलाके
पानी  में  डुबकी  लगाता  है ,
फिर  सुबह  सुबह  तैयार  होके  आसमान  में  चला  जाता  है ,

दिनभर  सब  अपनी  ही  धुन  में  चलते है ,
आँखों  से  आँखें  भी  नहीं  मिलाते  है ,
फिर  जब  ज़रुरत  पड़ती  है
तो  अपने  से  छोटे  को  खा  जाते  है ,
अजीब  अजीब  दानव  है ,
अजीब  अजीब  उनके  ठिकाने है ,
रहस्यों  के    जाने  कितने  ही  खजाने है ,

क्या  ये  सच  है  जो  तुम्हारी  तरह  यहाँ  चलके  आया  है ,
या  ये  भी  पुरानी कहनियों  का  किस्सा  है ,
जो  उस  पार  से  इस  पार  तैरके आया  है,

how far have you come from,
how far you intent to go,
are you taking a rest,
or that's it, this is your nest,


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