ज़िन्दगी के बदले ,
वक़्त ने किये खुद के दो हिस्से,
एक हिस्सा फुर्सत को दिया,
एक हिस्सा तेज़ को
तेज़ ने किफायती से किये खर्च,
और बाकी लम्हे फुर्सत को दिये
फुर्सत ने ये लम्हे जिए ऐसे,
की मुनाफे में पल बचा लिए,
और इन् पलों से, वक़्त से फिर ज़िन्दगी खरीद ली,
वक़्त ने किये खुद के दो हिस्से,
एक हिस्सा फुर्सत को दिया,
एक हिस्सा तेज़ को
तेज़ ने किफायती से किये खर्च,
और बाकी लम्हे फुर्सत को दिये
फुर्सत ने ये लम्हे जिए ऐसे,
की मुनाफे में पल बचा लिए,
और इन् पलों से, वक़्त से फिर ज़िन्दगी खरीद ली,
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