मन रे,
मेरे मन की न करो
लगने दो जिया मेरा कहीं तो,
युहीं रह जाएंगे नहीं तो,
दूर से देखते चाँद को,
मिर्ज़ा आएंगे कभी तो,
होकर हुनर पर फ़िदा मेरे वो,
नादिर से लेके कोहिनूर को,
मन रे,
साँसों में ऐसी आसें न भरो,
मन रे,
मेरे मन की न करो,
लगने दो जिया मेरा कहीं तो,
मेरे मन की न करो
लगने दो जिया मेरा कहीं तो,
युहीं रह जाएंगे नहीं तो,
दूर से देखते चाँद को,
मिर्ज़ा आएंगे कभी तो,
होकर हुनर पर फ़िदा मेरे वो,
नादिर से लेके कोहिनूर को,
मन रे,
साँसों में ऐसी आसें न भरो,
मन रे,
मेरे मन की न करो,
लगने दो जिया मेरा कहीं तो,
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