noon moon soon
There is a story in every eye and I wish to pen it all down...
Saturday, 26 April 2014
सिटिज़न छोटेलाल
ये पेड़ किसने काटा,
पपीते तो तोड़ लेते,
रैली में हम तुम,
साथ बैठ के पपीते खाते,
स्टेज पे खड़े बकरबाज़ पे बीज,
फ़ेंक फ़ेंक निशाने की प्रैक्टिस करते
ताकि फिर मुकर कर ये,
एम्बेसडर में जब घूमे
नामुराद पे बेइज़ज़ती का दाग तो दिखे ।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment